14 March 2024

पुस्तक समीक्षा

पुस्तक पठन-प्रतिक्रिया (उदहारण)                   

(पुस्तक समीक्षा) पुस्तक पठन-प्रतिक्रिया (उदहारण)

शेर और चूहा

(छोटे – छोटे कहानियाँ )

 

एक बार की बात है। एक जंगल में एक शेर रहता था। एक बार गर्मियों के दिनों में शेर पेड़ की छाँव के नीचे आराम कर रहा था। तभी वहां एक चूहा आकर उछल-कूद करने लगा। चूहे की उछाल-कूद से शेर की नींद ख़राब हो गयी और उसने झपटकर चूहे को पकड़ लिया।

चूहे को अपने पंजे में पकड़कर शेर ने कहा ” मुर्ख चूहे तूने मेरी नींद ख़राब की ! इसके लिए तुझे कड़ी सजा मिलेगी” यह सुनकर बेचारा छोटा सा चूहा डर के मारे काँपने लगा। अपनी जान खतरे में देखकर चूहे ने कहा ” महाराज मुझे छोड़ दीजिये ? जरूरत पड़ने पर मैं आपके काम आ सकता हूँ”

चूहे की बात सुनकर शेर को बड़ी हंसी आयी। शेर ने सोचा की यह पिद्दी सा चूहा मेरे किस काम आएगा। बरहाल शेर ने चूहे पर दया करके चूहे को जिन्दा छोड़ दिया।

एक दिन उस जंगल में एक शिकारी आया। शिकारी ने जंगली जानवरो को पकड़ने के लिए जाल बिछाया जिसमे गलती से शेर फंस गया। शेर ने जाल से निकलने की बहुत कोशिश की परन्तु वह जाल काटने में असफल रहा। इसके बाद शेर जोर-जोर से दहाड़ने लगा। शेर की दहाड़ चूहे के कानों तक पहुंची।

शेर को आवाज सुनकर चूहा वहां पहुंचा जहाँ शेर जाल में फँसा हुआ था। इसके बाद चूहा जाल को काटने लगता है। कुछ समय बाद ही चूहे ने अपने नुकीले दांतों से जाल को काटकर शेर को जाल से मुक्त कराया। इसके बाद शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और दोनों हमेशा के लिए अच्छे दोस्त बन गए।

 

 

पुस्तक पठन-प्रतिक्रिया (उदहारण)

 

छात्र का नाम                          ; मोहन

कक्षा                                       : दसवीं (10th )

क्रम संख्या                            :01

I) पढ़ी हुई पुस्तक का विवरण

पुस्तक का नाम            हिन्दी की कहानियाँ

लेखक                           प्रकाश

कहानी का नाम            शेर और चूहा

विषय                                        हिन्दी की कहानियाँ, पुस्तक में विभिन्‍न विषयों से

संबंधित नीतिप्रद कहानियाँ हैं। इसमें से 'शेर और

चूहा” एक है। इसका मुख्य विषय है- कठिन

परिस्थितियों या कठिनाई के समय सहायता

का प्रदर्शन

II) कहानी का उद्देश्य                बाल मनोरंजन व नीति

III) पढ़े हुए अंश का विवरण, समीक्षा लेखन

"शेर और चूहा' की यह कहानी मुझे बहुत पसंद

आयी। इसमें चूहा से छोटा या बडा महत्व के बारे में मालूम होता है।

चूहा ने  शेर को विपत्ती समय शिकारियों से बचाया।

पात्र स्वभावः शेर को बड़ा होने का घमंड, चूहा को छोटा होने का गर्व

होता है। कहानी में क्रमबदूधता है और लेखक

ने कहानी को कहीं भी कमजोर पड़ने नहीं दिया है।

कहानी के अंत तक पाठकों में जिज्ञासा बनी रहती है

'कि आगे क्या होगा? संवाद छोटे सरल और स्पष्ट है।

भाषा शैली सरल है। लेखक कहानी भाषा शैली के

माध्यम से नैतिकता के जिस मूल्यका

विकास करना चाहते थे उसमें वे पूर्ण रूप से सफल रहें।

IV) निष्कर्ष या सीख

(अ)       इस कहानी से मैं ने कभी भी किसी को खुद से छोटा या कमजोर नही

समझना बारे में सीखा ।

 

V) प्रस्तुतीकरण

(दिनांक.................) को

मैंने कक्षा के समक्ष शेर और चूहा की कहानी का मौखिक प्रस्तुतीकरण किया ।

 

 

 

 

पुस्तक समीक्षा-1
पुस्तक पठन-प्रतिक्रिया

 

छात्र का नाम                            ; ……………………………………………………..

कक्षा                                        : ……………………………………………………..

क्रम संख्या                               : ……………………………………………………..

 

I) पढ़ी हुई पुस्तक का विवरण

 

पुस्तक का नाम            :

लेखक                          :

कहानी का नाम            :

विषय                            : …………………………………………………………………………

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II) कहानी का उद्देश्य     : …………………………………

 

III) पढ़े हुए अंश का विवरण, समीक्षा लेखन :

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IV) निष्कर्ष या सीख

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V) प्रस्तुतीकरण

(दिनांक.................) को

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